तीन दिन में दूसरी बार जिला चिकित्सालय में तोडफ़ोड़

50 से अधिक हंगामा करने वालों को सशस्त्र पुलिसकर्मी भी नहीं रोक पाये

उज्जैन। जिला चिकित्सालय में तीन दिन में दूसरी बार तोडफ़ोड़ व हंगामा हो गया। खास बात यह कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिये यहां तैनात सशस्त्र पुलिसकर्मी और चौकी के जवान भी हंगामा करने वाले 50 से अधिक लोगों को रोक नहीं पाये और कोतवाली से अतिरिक्त फोर्स बुलाना पड़ा।

बीती रात करीब पौने बारह बजे योगेश पिता अशोक 35 वर्ष निवासी नगरकोट शादी में नाचने के दौरान हुए विवाद में गाल पर चाकू लगने के बाद उसे कुछ युवक जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे थे।

यहां मौजूद डॉ. नरेन्द्र गोमे द्वारा योगेश को प्राथमिक उपचार देने के बाद घाव पर टांके लगाये जा रहे थे तभी शराब के नशे में धुत दो दर्जन से अधिक युवक इमरजेंसी रूम के बाहर इकट्ठे हो गये और हंगामा करने लगे। यहां मौजूद सशस्त्र जवान और चौकी के पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते तब तक एक दर्जन से अधिक युवक और आ गये और डॉ. गोमे से अभद्रता व बहस करने लगे।

उन्होंने घायल योगेश का उपचार करने की बात कही लेकिन हंगामा कर रहे युवक बेकाबू हो गये और उन्होंने इमरजेंसी वार्ड के दरवाजे में लात मारी साथ ही कांच भी फोड़ दिये। स्थिति बिगडऩे पर कोतवाली थाने से अतिरिक्त फोर्स बुलाया गया और हंगामा करने वाले युवकों को यहां से बाहर किया। इस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों में कुछ समय के लिये अफरा तफरी मच गई।

तीन दिन पहले भी चाकूबाजी में घायल हुए डीजे ऑपरेटर की उपचार के दौरान मृत्यु होने पर उसके परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी वार्ड में तोडफ़ोड़ व हंगामा किया था।

पुलिस के सामने हंगामा

पूर्व में डॉक्टरों के साथ मरीजों के परिजनों द्वारा मारपीट व अभद्रता के बाद यहां सशस्त्र पुलिस जवानों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई थी। जिला चिकित्सालय में दो जवान ड्यूटी करते हैं जो अलग-अलग शिफ्ट में मौजूद रहते हैं, लेकिन पुलिस चौकी और सशस्त्र जवानों की मौजूदगी में लोग अस्पताल में हंगामा व तोडफ़ोड़ करते हैं पुलिस का लोगों में खौफ तक नहीं है।

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